जनता के पैसे पर चुनाव निशान का प्रचार नहीं कर सकते सियासी दल :चुनाव आयोग 

Update: 2016-10-08 16:59 GMT
फाइल फोटो

नई दिल्ली (भाषा)। चुनाव आयोग ने निर्देश जारी किया है कि कोई राजनीतिक दल अपने चुनाव चिह्न के प्रचार के लिए सरकारी मशीनरी या सार्वजनिक कोष का इस्तेमाल नहीं करेगा।

आयोग ने यह निर्देश दिल्ली हाईकोर्ट में जुलाई में दाखिल उस याचिका पर दिया है जिसमें बसपा प्रमुख के चुनाव चिह्न को निरस्त करने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने उस वक्त चुनाव आयोग को इस संबंध में कार्रवाई के लिए अधिकृत किया था। आयोग बसपा के चुनाव चिह्न को निरस्त करने सबंधी मसले पर अलग से कार्रवाई करेगा।

यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने अपने शासनकाल में यूपी में लखनऊ, नोएडा समेत कई जिलों में पार्कों का निर्माण कराया, जिसमें हाथी की मूर्तियां लगवाईं। इस पर एक गैरसरकारी संगठन ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की कि बसपा के चुनाव चिह्न को निरस्त किया जाए क्योंकि पूर्व सीएम ने पार्कों आदि में हाथी की मूर्ति लगवाई जो एक तरह से बसपा के चुनाव चिह्न का प्रचार है। इसमें जनता की गाढ़ी कमाई का इस्तेमाल हुआ। इस आधार पर बसपा के चुनाव चिह्न को निरस्त करने की मांग रखी गई थी। याचिका में कहा गया कि इससे चुनाव में राजनीतिक दलों के बीच बराबरी का मुकाबला नहीं रह जाएगा। इस पर चुनाव आयोग ने सभी दलों से राय मांगी थी।

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